Sunday, December 4, 2022

Hindi essay on bhagat singh

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WebSep 25,  · Bhagat Singh Essay In Hindi Essay on Bhagat Singh: Born on 28 September in Punjab, Bhagat Singh is one of the youngest revolutionaries to be WebFeb 19,  · Essay 1 ( words) Bhagat Singh is undoubtedly one of the most influential revolutionaries in the history of Indian Independence. He did not only take an active part Web+ Words Essay on Bhagat Singh He is referred to as Shaheed Bhagat Singh by all Indians. This outstanding and unmatchable revolutionary was born on the 28th of



भगत सिंह पर निबंध – Bhagat Singh Essay in Hindi [ words]



भारत एक ऐसा देश है जो कई बार गुलाम बन चुका है परंतु इसकी आजादी गर्व पूर्ण हम सबको प्राप्त हुई है। इसकी आन बान hindi essay on bhagat singh बचाने के लिए ना जाने कितनी ही वीर शहीद हो गए परंतु देश को कभी कोई आंच नहीं आने दी। ऐसे ही एक क्रांतिकारी अमर शहीद भगत सिंह की बात हम आज कर रहे हैं। अमर शहीद भगत सिंह Essay on Bhagat Singh in Hindi का नाम सुनकर ही छाती गर्व से चोरी हो जाती है एक सिख थे वह परंतु हमेशा के लिए लोगों के दिलों में बस कर रह गए।. अमर शहीद भगत सिंह का जन्म में 27 सितंबर को लायलपुर जिला के बांदा में हुआ था जो कि डिवीजन के बाद पाकिस्तान हो गया है। उनके पिता का नाम किशन सिंह था जो अंग्रेजों के अंदर में कार्य करते थे। उनकी माता विद्यावती उनके साथ और भी पुत्रों को एक साथ भारत की वीर कहानियां सुनाया करती थी। भगत सिंह बचपन से ही भारत को अपनी माता व जननी समझते थे जिस कारण भारत के खिलाफ एक भी शब्द सुनना पसंद नहीं करते थे। उनकी यही इच्छा पढ़कर उन में समाती गई और उन्हें शहीद होने के लिए प्रेरित करती गई। धीरे-धीरे उनका यह जिज्ञासा बढ़कर उनकी रूचि बन गई अब वह अपनी सारी जिंदगी को भारत पर न्योछावर करने के लिए तत्पर रहते थे। अंग्रेजों द्वारा भारत को और भारत वासियों को कष्ट दिया जाता।.


उस वर्ष भगत सिंह केवल 12 साल के थे जब जलिया वाले बाग की कांड की घटना सामने आई। उस वर्ष भारत के हजारों क्रांतिकारी आंदोलन में जलियांवाला बाग के मैदान में बैठे थे अचानक ही अंग्रेजों ने उन पर हमला कर दिया देखते-देखते जलिया वाले बाग की मिट्टी लाल हो गई वहां का कुआं लाशों से भर गया। बच्चे बूढ़े आदमी औरत अंग्रेजों ने किसी को नहीं बख्शा hindi essay on bhagat singh सब पर विस्फोट और गोलियां चलाते गए। जो बच गया उसके घर में पहुंचकर उसको मार दिया गया और जो भी आंदोलन में बैठा उसे मौत की नींद सुला दिया गया। उस समय शहीद Essay on Bhagat Singh in Hindi अपने स्कूल में थे जब उन्हें यह बात पता चली वह अपने बसते को छोड़कर दौड़ते हुए जलिया वाले बाग की ओर चले गए ओर वहां पहुंचकर जो उन्होंने देखा उनकी आंखें नम हो गई।.


जो जलियांवाला बाग हरा भरा हर आवाजाही से व्यस्त रहता था आज वह सुनसान और भयावह लग रहा था, और लाशें hindi essay on bhagat singh पड़ी थी कहीं किसी का शव निरंता पड़ा हुआ था तो वहीं कहीं किसी के शव पर उसके परिजन फूट-फूट कर रो रहे थे। जलिया वाले बाग की मिट्टी को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वह खून की होली खेली गई हो यह सब सोच सोच कर ही शहीद की आंखें आंसुओं की धारा से भर उठी। उनके मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या हिंदुस्तानी होना जुर्म है क्या वे आजादी से कभी नहीं जी पाएंगे और यदि कोई उन्हें आजादी hindi essay on bhagat singh मिला पाया तो क्या वह हमेशा गुलाम बन कर रह जाएंगे। भारत हमारा देश है हम इसे ऐसे नहीं छोड़ सकते उनके मन में ऐसे ऐसे विचार आने लगे मानो आज ही वही अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों का बदला ले लेंगे परंतु उन्होंने अपने आप को युवा होने तक प्रतीक्षा की।.


शहीद वीर भगत सिंह बचपन से ही अपने भारत पर होते जुल्मों को देख कर बड़े होते हुए जब युवा दौर में आए तो उन्हें कॉलेज के समय कई सारे नाटक में भूमिका निभाने का भार मिला। जब भी वे किसी hindi essay on bhagat singh में भाग लेते तो उन्हें हमेशा अंग्रेजों का किरदार मिलता जिस चीज से भगत सिंह के मन में यह बैठ गया कि जिस दिन में अंग्रेजों को दूर कर दूंगा उस दिन मेरा यह नाटक किसी कार्य नहीं आएगा और यह होकर रहेगा। भगत सिंह Essay on Bhagat Singh in Hindi ने बहुत सारे निबंधों की रचना की है जोकि अब भी विद्यमान है उन सब में उन्होंने केवल अपने भारत के ऊपर होते जुल्मों के बारे में विस्तार पूर्ण लिखा है जिसे पढ़कर आपको ऐसा लगे की मानो यह सब हमारी आंखों के सामने हो रहा है। युवा दौर में कदम रखते ही वे अपने देश को आजाद कराने के सपने देखने लगे धीरे-धीरे उनका मनोबल बढ़ता गया और उन में विद्रोह की भावना जागने लगी।.


देखा जाए तो आजादी के लिए बहुत सारे क्रांतिकारियों ने अपने सहयोग दिए हैं परंतु यह कम hindi essay on bhagat singh क्रांतिकारी ऐसे थे जिन्होंने आजादी को ही अपना भाई बंधु पत्नी व दुनिया मान लिया था। उनके लिए आजादी सब कुछ थी बचपन से देखते आए अत्याचारों का बदला उन्हें अंग्रेजों से लेना था परंतु इसके लिए उन्हें सैन्य की आवश्यकता थी।. यदि आजादी मिल के सहयोग की बात की जाए तो इनके कारण ब्रिटिश को यह अंदाजा हो गया था कि हिंदुस्तानी यदि चाहे तो क्या नहीं कर सकते वह आजादी के लिए जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं। डर की भावना उनके मन में भगत सिंह द्वारा उत्पन्न की गई थी।. सन् मैं नौजवान भारत सभा में भगत सिंह को सेक्रेटरी बना दिया और इसके बाद सन् में उन्होंने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन HSRA को ज्वाइन किया। यह आंदोलन वीर शहीद चंद्रशेखर आजाद द्वारा 28 अक्टूबर में बनाया गया था। जिसके अंतर्गत भारतीयों को सोशलिस्ट के खिलाफ आंदोलन करना था इस एसोसिएशन में वे हिंदुस्तान की सर जमी को आजाद करना चाहते थे।.


इसी दौरान भगत सिंह की मित्रता आजाद से हुई परंतु आजाद को इस रिपब्लिक आंदोलन के कारण गिरफ्तार करने की घोषणा कर दी गई। आजाद का कहना था कि यदि मरो तो वीरों की मौत मरो। आजाद को जब चारों तरफ से घेर लिया गया तो उन्होंने hindi essay on bhagat singh को ही एक गोली मार ली क्योंकि उनकी बंदूक में केवल एक गोली बची थी और ब्रिटिश कई सारे थे।. उन ही सालों भगत सिंह जब खोजबीन के लिए ब्रिटिश के ऑफिस में थे तो गलती से उनके हाथों एक ब्रिटिश हवलदार की हत्या हो गई जिसके बाद उनके वेशभूषा को पहचानने वाले उनकी खोज करने लगे। सीख की तो अलग ही पहचान होती है। लंबे बाल लंबी दाढ़ी और कुर्ता पजामा का पोशाक भगत सिंह को पहचानना कोई कठिन कार्य नहीं था। इन्हीं दौरान शहीद राजगुरु और सुखदेव से मिल चुके थे उनकी मदद से उन्होंने लाहौर वापस जाने का फैसला किया।, hindi essay on bhagat singh.


लाहौर जाने के लिए उन्हें रेलगाड़ी की जरूरत होती परंतु वेशभूषा को पहचान जाने पर उनकी हत्या कर दी जाती। इसलिए उन्होंने अपने देश को बचाने के लिए अपनी बाल व दाढ़ी कटवा ली। अंग्रेजों की पोशाक पहनी और आराम से लाहौर वापस लौट आए।. अभी भगत सिंह ने आंदोलन शुरू ही किया था कि उनकी गिरफ्तारी करा दी गई। गिरफ्तारी भी कैसी खुद के द्वारा। उन दिनों कोर्ट में बटुकलाल केस की छानबीन हो रही थी। तब ही 7 अक्टूबर में अदालत में किए गए नाटकीय द्वारा भगत सिंह को गिरफ्तार किया गया। उस दिन भगत सिंह ने एक योजना बनाई जिसके अंतर्गत उन्होंने कोर्ट के खाली मैदान पर केवल आवाज करने वाली बम फेंके जो केवल आवाज करते हैं किसी को हानि नहीं पहुंचा सकते उनका मकसद क्या था कि वह अंग्रेजों को दिखा सके कि उनके जमीन पर भी आंदोलन कर सकते हैं। परंतु जब वे इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे तभी उन्हें अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया और राजगुरु सुखदेव संग शहीद को जेल की और फांसी की सजा दे दी गई।.


भारतवासी को गिरफ्तार करना वह भी क्रांतिकारी को अंग्रेजों के लिए गर्व की बात थी। परंतु जेल में शहीद के साथ ऐसी ऐसी वेतन आएगी जो देखने व सुनने से ही भयावह लगता है। शहीद को 3 दिन तक खाना नहीं दिया जाता पानी नहीं पिलाया जाता यहां तक की उन्हें मारा और गालियां दी जाती है ताकि वे अपने हिंदुस्तान को और अपने सर जमी को छोड़ दे। परंतु भगत सिंह बचपन से ही अपने आप को भारत का अभिन्न मानते थे उन्होंने यह सब सह लिया।. अब वह दिन आ गया था जब शहीद को फांसी दी गई थी उस समय लाहौर में धारा लगा दी गई थी ताकि कोई विद्रोह ना कर सके। शहीद को 23 मार्च को शाम के करीब बजे फांसी देनी थी जोकि नियमों के खिलाफ था परंतु तब अंग्रेजों का शासन हुआ करता था कौन क्या बोलता। जब सहित फांसी के लिए चलने को कहा गया और उनकी hindi essay on bhagat singh इच्छा पूछी तो उन्होंने कहा कि मैं जो पुस्तक अभी पढ़ रहा हूं मुझे उसको पूरा करने दिया जाए इसके बाद वह सब उन्हें उस तक पूरा होने का समय देकर चले गए। जैसे पुस्तक पूरी हुई शहीद Essay on Bhagat Singh in Hindi को फांसी के लिए ले गए और तीनों को एक साथ hindi essay on bhagat singh के तख्ते पर लटकाने के लिए लाया गया। तीनों मित्र मिलकर खुश हुए इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और गर्व पूर्वक फांसी के तख्ते पर लटक गए।.


निबंध Hindi Essay अनुच्छेद भाषण वजन घटना हेल्थ. Thursday, December 1, Sign in. your username. your password. Forgot your password? Get help, hindi essay on bhagat singh. Password recovery. your email. Home निबंध Essay on Bhagat Singh in Hindi. Table of Contents, hindi essay on bhagat singh. RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR. Essay on E-Commerce hindi essay on bhagat singh India in Hindi. Essay on Impact and Scope of GST Bill in India in Hindi. Essay on Racial Discrimination in India in Hindi. Essay on Gateway of India in Hindi. Essay on Technology Development in India in Hindi. Essay on Plastic Ban in India in Hindi, hindi essay on bhagat singh.


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Bhagat Singh Essay - For Students and Children In English


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